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संस्थान का नाम : नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन
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परिभाषा :
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संस्था से अभिप्राय है : 'नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन'
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समिति से अभिप्राय है : संस्था की कार्यकारिणी समिति
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पदाधिकारी से अभिप्राय है : अध्यक्ष ए उपाध्यक्ष,सचिव ए उपसचिव एवं कोषाध्यक्ष
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वर्ष से अभिप्राय है : 1 अप्रील से 31 मार्च तक
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एक्ट से अभिप्राय है : सोसाईटी रजिस्टेशन एक्ट 21-1860
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सदस्यता :प्रत्येक भारतीय नागरिक जिनका उम्र 18 वर्ष से अधिक का हो और वह पत्रकार,लेखक,कवि,साहित्यकार हो । संस्था के नियमों एवं उद्देश्यों का पालन करता हो, इस संस्था के सदस्य बन सकते हैं । संस्था का सदस्य बनने के लिए आवेदन को विहित प्रपत्र में आवेदन देना होगा , जिसकी स्वीकृति कार्यकारिणी समिति द्वारा प्रदान की जाएगी। प्रत्येक सदस्य 51/- रूपये प्रवेश शुल्क एवं 151/- रूपये वार्षिक सदस्यता शुल्क देना अनिवार्य होगा ।
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सदस्यता से विमुक्ति :निम्नलिखित अवस्था में सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो जायेगी : -
- स्वयं त्याग पत्र देने पर ।
- सदस्यता शुल्क नहीं देने पर ।
- पागल या मृत्यु होने पर ।
- संस्था द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर ।
- न्यायालय द्वारा किसी अपराधिक मामले में दंडित होने पर ।
- लगातार तीन बैठकों में बिना किसी प्रकार की सूचना दिए बगैर अनुपस्थित रहने पर ।
- संस्था के नियमों एवं उद्देश्यों के विरूद्ध आचरण करने पर ।
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कार्यकारिणी समिति का गठन :
- कार्यकारिणी समिति पदाधिकारी समिति 11 (ग्यारह) सदस्यों की होगी ।
- कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों का चुनाव आमसभा द्वारा किया जायेगा ।
- समिति का कार्यकाल 5 वर्षों की होगी ।
- निवृत्त सदस्य पुनः चुने जा सकते हैं।
- अगर समिति में कोई पद रिक्त होगा तो शेष अवधि के लिए उक्त पद पर किसी सदस्य को मनोनीत कर सकती है, किन्तु वार्षिक बैठक में विधिवित चुनाव करा लेना आवश्यक होगा ।
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कार्यकारिणी समिति के अधिकार एवं कर्तव्य :
- संस्था के चल या अचल संपत्ति का उत्तरदायी होगा ।
- संस्था के सभी कार्यों का सम्पादन विधिवत् करना तथा प्रस्ताव पारित करना ।
- उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य सम्पादित करना ।
- उपशाखा का निर्माण करना ।
- संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विचार-विमर्श करना ।
- संस्था के प्रति होनेवाली नियंत्रण बरकरार रखना ।
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आमसभा के अधिकार एवं कर्तव्य :
- समिति क पदाधिकारियों एवं सदस्यों का निर्वाचन करना ।
- संस्था के आय-व्यय लेखा पर विचार करना तथा स्वीकृति देना ।
- अंकेक्षक की नियुक्ति करना ।
- अध्यक्ष की राय से अन्य विषय पर विचार करना ।
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बैठक :
- कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह पर होगी ।
- आमसभा की साधारण बैठक प्रत्येक वर्ष के अप्रील माह में होगी ।
- कार्यकारिणी समिति की आवश्यक बैठक कभी भी बुलायी जा सकती है ।
- आमसभा की विशेष बैठक कभी भी बुलायी जा सकती है ।
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प्रार्थित बैठक :1/3 सदस्यों के लिखित मांग पर आवेदन प्राप्ति के एक माह के अंदर सचिव को बैठक बुलाना होगा । आवेदन पत्र में विचारणीय विषय का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए । यदि सचिव उक्त अवधि के अन्दर बैठक का आयोजन नहीं करते हैं तो आवेदक को अधिकार होगा कि आवेदन में उल्लिखित विषय के लिए बैठक का आयोजन कर सकते हैं ।
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बैठक की सूचना :
- कार्यकारिणी समिति की बैठक की सूचना सात दिन पूर्व दी जायेगी।
- आमसभा की बैठक की सूचना 15 दिन पूर्व दी जायेगी ।
- कार्यकारिणी समिति की आवश्यक बैठक की सूचना 40 घंटे पूर्व दी जायेगी ।
- आमसभा की आवश्यक बैठक की सूचना 10 दिन पूर्व दी जायेगी ।
- बैठक की सूचना पंजी में हस्ताक्षर प्राप्त कर या डाक द्वारा दी जायेगी ।
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प्रत्येक बैठक का कोरम कुल सदस्यों का साधारण बहुमत होगा । कोरम के अभाव में बैठक स्थगित हो जायेगी और पुनः स्थगित बैठक के लिए कोरम की आवश्यकता नहीं होगी ।
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पदाधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्य :
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अध्यक्ष:
- संस्था की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता करना ।
- किसी विषय पर मतदान के समय पक्ष पर या विपक्ष में समान मत आने की स्थिति में अपने निर्णायक मत का उपयोग करना ।
- कार्यवाही पंजी पर अपना हस्ताक्षर करना ।
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सचिव:
- प्रत्येक बैठक का आयोजन करना ।
- बैठक की कार्यवाही को कार्यवाही पंजी में अंकित करना तथा अध्यक्ष से हस्ताक्षर कराकर अपना हस्ताक्षर करना ।
- प्रत्येक पंजी एवं कागजातों को सुरक्षित रखना ।
- संस्था की ओर से पत्राचार करना ।
- संस्था की आय-व्यय का अंकेक्षण करना ।
- अध्यक्ष की राय से अन्य कार्य करना ।
- कर्मचारियों की नियुक्ति एवं बर्खास्तगी के आदेश कार्यकारिणी समिति के सलाह पर करना ।
- संस्था के हित में अन्य कार्य करना ।
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कोषाध्यक्ष:
- संस्था के आय-व्यय का हिसाब रखना और सचिव के द्वारा बैठक में प्रस्तुत करना ।
- सदस्यता शुल्क एवं प्रवेश शुल्क आदि प्राप्त कर रसीद देना ।
- संस्था के कोष को किसी निबंधित बैंक या डाकघर में संस्था के नाम पर जमा करना ।
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आय का स्त्रोत :
- सदस्यता शुल्क एवं प्रवेश शुल्क ।
- सरकारी, गैर सरकारी , दान, अनुदान , सहायता।
- प्रशिक्षण के दौरान संस्था द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री से ।
- सांस्कृतिक या अन्य कार्यक्रम के द्वारा ।
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कोष का संचालन :
संस्था की सभी राशियाँ संस्था के नाम खुले डाकघर या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक खाते में जमा की जायेगी तथा सभी रकम की निकासी अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष में से किन्हीं दो पदाधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर से की जायेगी ।
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निधि के अंकेक्षण :
- संस्था के आय-व्यय का लेखा नियमित रूप से रखा जायेगा तथा आमसभा के द्वारा नियुक्त अंकेक्षण से प्रतिवर्ष अंकेक्षित कराया जायेगा।
- निबंधन महानिरीक्षक कभी भी अपने विवेक से संस्था का अंकेक्षण किसी मान्यता प्राप्त चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट से करा सकते हैं। इस हेतु चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट का शुल्क संस्था द्वारा वहन किया जायेगा ।
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पंजी का निरीक्षण :संस्था की सभी पंजीयाँ निबंधित कार्यालय में जमा रहेगी जहां कोई भी सदस्य या सरकारी अधिकारी सचिव की अनुमति से सदस्य पंजीए लेखा पंजी एवं कार्यवाही पंजी का निरीक्षण कर सकते हैं ।
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नियमावली में संशोधन :नियमावली में किसी भी प्रकार का संशोधन आमसभा के 3/5 सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर हीं किया जायगा ।
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कानूनी कार्रवाई :संस्था पर या संस्था के द्वारा कानूनी कार्रवाई सचिव के पदनाम से होगी तथा अधिवक्ता की नियुक्ति समिति की सलाह से की जायेगी ।
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विघटन एवं विघटनोपरानत सम्पत्ति की व्यवस्था :
- संस्था के विघटन संस्था अधिनियम 21-1860 की घारा-13 के आलोक में सरकार का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद हीं किया जायेगा ।
- आमसभा के 3/5 सदस्यों के द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर हीं संस्था का विघटन किया जायेगा।
- संस्था के विघटनोपरान्त जो चल या अचल संपत्ति बचेगी वह किसी सदस्य या गैर सदस्यों में नहीं बांटी जायेगी, बल्कि आमसभा के 3/5 सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर समान उद्देश्य वाली दूसरी संस्था या सरकार को दे दी जायेगी ।